38% आबादी के हक़ की लड़ाई, औरंगाबाद में ऐतिहासिक रैली, अति पिछड़ा अधिकार महारैली अब 23 अगस्त की बजाय 5 सितंबर 2025 को आयोजित।
औरंगाबाद

औरंगाबाद – अति पिछड़ा अधिकार मंच (औरंगाबाद) की ओर से गांधी मैदान में प्रस्तावित अति पिछड़ा अधिकार महारैली अब 23 अगस्त की बजाय 5 सितंबर 2025 को आयोजित होगी। कार्यक्रम की तिथि बाबा गणिनाथ जयंती और अन्य कारणों से बदली गई है। प्रेस
कॉन्फ्रेंस के दौरान आयोजन समिति ने बताया कि इस महारैली में ऐतिहासिक भीड़ जुटने की संभावना है। मंच ने स्पष्ट किया कि इस बार “टिकट नहीं तो वोट नहीं” का फार्मूला अपनाया जाएगा। समिति ने सवाल उठाया कि औरंगाबाद जिले की छह विधानसभाओं में अब तक अति पिछड़ा समाज को राजनीतिक हिस्सेदारी क्यों नहीं दी गई, जबकि जिले की 38% आबादी इसी वर्ग की है।मंच
के नेताओं ने कहा कि अति पिछड़ा समाज अब ठगा हुआ महसूस कर रहा है। आगामी विधानसभा चुनाव में यह समाज अपनी राजनीतिक हिस्सेदारी लेकर रहेगा। किसी भी दल को समर्थन तभी मिलेगा जब उसे टिकट में हिस्सेदारी दी जाएगी, अन्यथा बहिष्कार किया जाएगा। मंच ने यहां तक कहा कि जरूरत पड़ने पर समाज स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने पर भी विचार करेगा। इस अवसर पर
आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं कुटुंबा प्रखंड प्रमुख सह नबीनगर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी धर्मेंद्र कुमार चंद्रवंशी सहित दिनेश पाल, बबन प्रजापति, सुरेंद्र प्रसाद, रामप्रवेश प्रजापति, राजरूप पाल, सुरेंद्र चौरसिया, डॉ. शारदा शर्मा, रंजीत चंद्रवंशी (पैक्स अध्यक्ष टेंगरा), धीरेंद्र चंद्रवंशी, अंकित कुमार, अजीत ठाकुर, दिलीप गुप्ता, ओम प्रकाश गुप्ता (जिला पार्षद प्रतिनिधि), विकास सिंघानिया, विनोद ठाकुर, अंजन चंद्रवंशी, संजय चौहान, जितेंद्र जोशी, अजीत पाल, आलोक चंद्रवंशी, प्रमोद सिंह चंद्रवंशी (सरपंच), विजय चंद्रवंशी, एमडी मुराद समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।




