सैकड़ो शुभचिंताको ने दिया नरेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि ——————————————– पत्नी व पुत्रों ने स्मारक पर टेका माथा —/————–;;;;;;;;——————– संघर्षपूर्ण रहा नरेंद्र सिंह का जीवनकाल ————————————— खैरा/जमुई निंस-पकरी स्थित कियूल नदी के किनारे नरेंद्र सिंह के स्मारक स्थल पर शुक्रवार के दिन उपस्थित शुभचिंताको ने उनकी तस्वीर पर फूलमाला अर्पित किए। सर्वप्रथम जमुई के पूर्व विधायक अजय प्रताप अमित कुमार सिंह मंत्री सुमित कुमार सिंह एवं उनकी धर्मपत्नी सागर मणि सभी बहुये बहने एवं बच्चों ने फूल माला अर्पित किया । इधर जमुई के विधायक श्रेयसी सिंह ने भी दिवंगत नेता के तस्वीर पर फूल माला अर्पित किए । दूर दराज से पहुंचे उनके सभी शुभचिंतकों ने उनकी तस्वीर पर फूल माला अर्पित किए ।कार्यक्रम स्थल पर कीर्तन भजन सर्व धर्म प्रार्थना सभा हुई और वहां लोगों ने 2 मिनट का मौन प्रार्थना भी किया।नरेंद्र सिंह का जीवन युवा काल से ही संघर्षपूर्ण रहा है।वे बराबर गरीबों एवं आम लोगों की समस्याओं के निदान के लिए संघर्ष करते रहे । वे छात्रों की समस्याओं को लेकर पटना विश्वविद्यालय के प्रशासन के विरुद्ध आंदोलन शुरू कर उसका नेतृत्व किया था।1974 के छात्र आंदोलन प्रारंभ करने के लिए वरिष्ठ छात्रों की एक बैठक किया।उस आंदोलन में सक्रिय होकर 3 वर्षों तक कार्य करते रहे और कई बार मीसा के तहत नजर बंद रहे ।वे पहली बार 1985 में चकाई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में विजय घोषित हुए और अपने दल के उपमुख्य सचेतक 1986 में बने। वर्ष 1990 में वे सूंवे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री के रूप में शपथ लिया और बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर दिखाया। 1999 के दशक में उन्हें लोक जनशक्ति पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया और उस कार्य में भी वे दल के संगठन को काफी मजबूती प्रदान किया । वर्ष 2006 में नरेंद्र सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया और वे अपने इस कार्यकाल मे किसानों के हित के लिए कई योजनाएं बनाई और उस दशक में कृषि के क्षेत्र में बिहार में काफी विकास हुआ।बिहार में कृषि में विकास के लिए उन्हें महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा कृषि कर्मण के सम्मान से सम्मानित किया गया । श्री सिंह कभी भी सत्ता पक्ष के हिमायती नहीं रहे ।बल्कि विपक्ष में रहकर लोगों की समस्याओं को उजागर करते रहे।उनके पुत्रों ने कहा कि अपने पिता के द्वारा किए गए कल्पना को वे धरातल पर लाने के लिए कृत संकल्पित है।इस मौके पर जमुई जिला के अलावे अंग क्षेत्र के काफी संख्या में लोग उपस्थित हुए और इस मौके पर सभी ने प्रसाद ग्रहण किया।
जमुई

खैरा/जमुई -पकरी स्थित कियूल नदी के किनारे नरेंद्र सिंह के स्मारक स्थल पर शुक्रवार के दिन उपस्थित शुभचिंताको ने उनकी तस्वीर पर फूलमाला अर्पित किए। सर्वप्रथम जमुई के पूर्व विधायक अजय प्रताप अमित कुमार सिंह मंत्री सुमित कुमार सिंह एवं उनकी धर्मपत्नी सागर मणि सभी बहुये बहने एवं बच्चों ने फूल माला अर्पित किया । इधर जमुई के विधायक श्रेयसी सिंह ने भी दिवंगत नेता के तस्वीर पर फूल माला अर्पित किए । दूर दराज से पहुंचे उनके सभी शुभचिंतकों ने उनकी तस्वीर पर फूल माला अर्पित किए ।कार्यक्रम स्थल पर कीर्तन भजन सर्व धर्म प्रार्थना सभा हुई और वहां लोगों ने 2 मिनट का मौन प्रार्थना भी किया।नरेंद्र सिंह का जीवन युवा काल से ही संघर्षपूर्ण रहा है।वे बराबर गरीबों एवं आम लोगों की समस्याओं के निदान के लिए संघर्ष करते रहे । वे छात्रों की समस्याओं को लेकर पटना विश्वविद्यालय के प्रशासन के विरुद्ध आंदोलन शुरू कर उसका नेतृत्व किया था।1974 के छात्र आंदोलन प्रारंभ करने के लिए वरिष्ठ छात्रों की एक बैठक किया।उस आंदोलन में सक्रिय होकर 3 वर्षों तक कार्य करते रहे और कई बार मीसा के तहत नजर बंद रहे ।
वे पहली बार 1985 में चकाई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में विजय घोषित हुए और अपने दल के उपमुख्य सचेतक 1986 में बने। वर्ष 1990 में वे सूंवे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री के रूप में शपथ लिया और बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर दिखाया। 1999 के दशक में उन्हें लोक जनशक्ति पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया और उस कार्य में भी वे दल के संगठन को काफी मजबूती प्रदान किया । वर्ष 2006 में नरेंद्र सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया और वे अपने इस कार्यकाल मे किसानों के हित के लिए कई योजनाएं बनाई और उस दशक में कृषि के क्षेत्र में बिहार में काफी विकास हुआ।बिहार में कृषि में विकास के लिए उन्हें महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा कृषि कर्मण के सम्मान से सम्मानित किया गया । श्री सिंह कभी भी सत्ता पक्ष के हिमायती नहीं रहे ।बल्कि विपक्ष में रहकर लोगों की समस्याओं को उजागर करते रहे।उनके पुत्रों ने कहा कि अपने पिता के द्वारा किए गए कल्पना को वे धरातल पर लाने के लिए कृत संकल्पित है।इस मौके पर जमुई जिला के अलावे अंग क्षेत्र के काफी संख्या में लोग उपस्थित हुए और इस मौके पर सभी ने प्रसाद ग्रहण किया। किए। सर्वप्रथम जमुई के पूर्व विधायक अजय प्रताप अमित कुमार सिंह मंत्री सुमित कुमार सिंह एवं उनकी धर्मपत्नी सागर मणि सभी बहुये बहने एवं बच्चों ने फूल माला अर्पित किया । इधर जमुई के विधायक श्रेयसी सिंह ने भी दिवंगत नेता के तस्वीर पर फूल माला अर्पित किए । दूर दराज से पहुंचे उनके सभी शुभचिंतकों ने उनकी तस्वीर पर फूल माला अर्पित किए ।कार्यक्रम स्थल पर कीर्तन भजन सर्व धर्म प्रार्थना सभा हुई और वहां लोगों ने 2 मिनट का मौन प्रार्थना भी किया।नरेंद्र सिंह का जीवन युवा काल से ही संघर्षपूर्ण रहा है।वे बराबर गरीबों एवं आम लोगों की समस्याओं के निदान के लिए संघर्ष करते रहे । वे छात्रों की समस्याओं को लेकर पटना विश्वविद्यालय के प्रशासन के विरुद्ध आंदोलन शुरू कर उसका नेतृत्व किया था।1974 के छात्र आंदोलन प्रारंभ करने के लिए वरिष्ठ छात्रों की एक बैठक किया।उस आंदोलन में सक्रिय होकर 3 वर्षों तक कार्य करते रहे और कई बार मीसा के तहत नजर बंद रहे ।वे पहली बार 1985 में चकाई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में विजय घोषित हुए और अपने दल के उपमुख्य सचेतक 1986 में बने। वर्ष 1990 में वे सूंवे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री के रूप में शपथ लिया और बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर दिखाया। 1999 के दशक में उन्हें लोक जनशक्ति पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया और उस कार्य में भी वे दल के संगठन को काफी मजबूती प्रदान किया । वर्ष 2006 में नरेंद्र सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया और वे अपने इस कार्यकाल मे किसानों के हित के लिए कई योजनाएं बनाई और उस दशक में कृषि के क्षेत्र में बिहार में काफी विकास हुआ।बिहार में कृषि में विकास के लिए उन्हें महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा कृषि कर्मण के सम्मान से सम्मानित किया गया । श्री सिंह कभी भी सत्ता पक्ष के हिमायती नहीं रहे ।बल्कि विपक्ष में रहकर लोगों की समस्याओं को उजागर करते रहे।उनके पुत्रों ने कहा कि अपने पिता के द्वारा किए गए कल्पना को वे धरातल पर लाने के लिए कृत संकल्पित है।इस मौके पर जमुई जिला के अलावे अंग क्षेत्र के काफी संख्या में लोग उपस्थित हुए और इस मौके पर सभी ने प्रसाद ग्रहण किया।





