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मशाल-24 कार्यक्रम का आयोजन: खेलों के माध्यम से सर्वांगीण विकास की ओर एक सार्थक पहल।

बालकों के सर्वांगीण विकास की एक ऐसी प्रक्रिया प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी

लखीसराय (सुजीत कुमार)- शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बालकों के सर्वांगीण विकास की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और नैतिक पक्षों को भी समाहित किया जाता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए बिहार राज्य में “मशाल-24” कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को खेलकूद के माध्यम से नेतृत्व, अनुशासन, स्वास्थ्य और सहभागिता की भावना विकसित करने हेतु आयोजित किया जा रहा है। प्रखंड स्तर पर सभी सीआरसीसी (क्लस्टर रिसोर्स सेंटर कोऑर्डिनेटर), संचालक, समन्वयक तथा सभी प्रारंभिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक की सहभागिता से यह कार्यक्रम एक महत्त्वपूर्ण और प्रेरणादायी आयोजन बन गया है। जिनमें प्रथम दिन 12 जुलाई 2025 दूसरा दिन 14 जुलाई 2025 को राज संपोषित उच्च विद्यालय, मननपुर में आयोजित किया जाएगा। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रखंड अंतर्गत सीआरसी स्तर से चयनित प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी होगी। पहले दिन (12 जुलाई 2025) को एथलेटिक्स एवं साइक्लिंग प्रतियोगिताएँ, प्रथम दिवस को शारीरिक दक्षता एवं व्यक्तिगत प्रतिभा पर आधारित खेलों का आयोजन किया गया है जिनमें

(1) लॉन्ग जम्प (लंबी कूद): विद्यार्थियों में संतुलन, साहस और शारीरिक लचीलापन को बढ़ावा देने के लिए यह प्रतियोगिता महत्त्वपूर्ण है।

(2) दौड़ (100 मीटर / 600 मीटर / 800 मीटर): रेसिंग के माध्यम से बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना, आत्मविश्वास और सहनशीलता को बढ़ावा मिलता है।(3) साइक्लिंग (विभिन्न श्रेणियों में): यह प्रतियोगिता न केवल फिजिकल फिटनेस को बढ़ावा देती है बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश भी देती है।

दूसरे दिन (14 जुलाई 2025): टीम खेल प्रतियोगिता में सामूहिक खेलों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें सहभागिता, टीम भावना, रणनीति और अनुशासन जैसे गुणों का विकास होता है: (1) कबड्डी: यह पारंपरिक भारतीय खेल छात्रों को स्वदेशी संस्कृति से जोड़ता है और फुर्ती, रणनीति और टीम वर्क का परिचायक है।

(2) फुटबॉल: लोकप्रिय वैश्विक खेल जो सहकार्य, सहिष्णुता और नेतृत्व गुणों को विकसित करता है।

(3)वॉलीबॉल: समूहिक प्रयास, संप्रेषण क्षमता और सामंजस्य का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करने वाला खेल होगा। इनमें सीआरसी स्तर की भूमिका और भागीदारी होगी जिनमें प्रत्येक क्लस्टर के सीआरसीसी द्वारा छात्रों का चयन, प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और अनुशासन सुनिश्चित किया गया है। कार्यक्रम की सफलता हेतु निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया। जिनमें खेल प्रतिभाओं की पहचान और प्रशिक्षण, विद्यालय स्तर पर पूर्व प्रतियोगिताओं का आयोजन, टीम चयन में पारदर्शिता और निष्पक्षता, छात्र-छात्राओं को समान अवसर प्रदान करना, बालिकाओं की सहभागिता को प्रोत्साहन देना है। जिए सभी सीआरसीसी, शिक्षक, प्रधानाध्यापक व प्रभारी शिक्षकों ने विद्यार्थियों को शारीरिक रूप से तैयार करने, खेलों की मूलभूत जानकारी देने एवं मनोबल बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इस मशाल-24 कार्यक्रम के उद्देश्य होते हैं जिनमें (1) खेलों के माध्यम से छात्रों का शारीरिक विकास सुनिश्चित करना। (2)विद्यालयों में खेल-संस्कृति को बढ़ावा देना।(3) छात्रों में नेतृत्व, सहकार्य और अनुशासन की भावना विकसित करना। (4)प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें उच्च स्तर पर अवसर देना। (5) प्रशिक्षण एवं खेलों के माध्यम से बालक-बालिकाओं में आत्मविश्वास का संचार होना है।

राज संपोषित उच्च विद्यालय, मननपुर को इस आयोजन हेतु चुना गया है जहाँ खेल मैदान, आवश्यक उपकरण, जल-स्वच्छता व्यवस्था, चिकित्सा सुविधा आदि का विशेष ध्यान रखा गया है। इसके आयोजन हेतु एक आयोजन समिति का गठन किया गया है। इसका उद्घाटन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एजाज आलम और बीपीआरओ मोनिका सिंह के साथ प्रभारी हिमांशु शेखर ने किया। इसके साथ ही शिक्षक दिनेश कुमार गुलशन कुमार महेंद्र कुमार इंद्रावती सूरज दास मुकेश कुमार सिंह विनीत कुमार के साथ सीआरसी के 10 लोगों ने हिस्सेदारी निभाई।

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