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बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ जिला लखीसराय ने किया बबाल सरकार बदलने की दी धमकी।

लखीसराय

लखीसराय (सुजीत कुमार)- शिक्षकों की मांग पूरी नहीं तो वोट के माध्यम से सरकार बदल देंगे। ये बाते बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ जिला लखीसराय ने शनिवार की संध्या मशाल लेकर बबाल करते हुए कहा।

इनलोगों ने डीईओ कार्यालय के नजदीक से होकर शहिद द्वार तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर सरकार बदल देने की बात कही। इनलोगों ने कहा कि एक विद्यालय में सात तरह के शिक्षक है आखिर ऐसा क्यों,सरकार शिक्षकों को ही परेशान क्यों करते है आखिर कब तक ये परेशानी होगी। शिक्षक नियोजन नियमावली 2006 तथा संशोधित नियमावली 2012 एवं 2020 में निहित प्रावधान के आलोक में नियोजित शिक्षकों को 12 वर्षों की सेवा पर कालबद्ध प्रोन्नति (वेतन उन्नयन) बेसिक ग्रेड में 8 वर्ष की सेवा पर स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति स्नातक ग्रेड में 5 वर्षों की सेवा पर प्रधानाध्यापक प्रोन्नति का लाभ देने की बात की। इन लोगों ने कहा कि सक्षमता परीक्षा में भाग नहीं लेने वाले नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा व सुविधा देना चाहिए। नियोजित शिक्षक विशिष्ट शिक्षक एवं विद्यालय अध्यापक को एक ही नामकरण सहायक शिक्षक किया जाए तथा 9300 से 34800 वेतनमान के समरूप में मैट्रिक्स में एक समान वेतनमान एवं सुविधा लागू किया जाए, विशिष्ट शिक्षक के वेतन निर्धारण के कार्रवाई अभिलंब कर उन्हें सेवा निरंतर का लाभ दिया जाए,वही विद्यालय अध्यापकों के आवास भत्ता एवं वार्षिक वेतन वृद्धि के भुगतान में त्रुटियों का अभिलंब निराकरण किया जाए साथ ही विशिष्ट शिक्षक, विद्यालय अध्यापक एवं नियमित शिक्षकों के विभाग द्वारा किए गए ऑनलाइन स्थानांतरण में त्रुटियों एवं विसंगतियों को सुधार कर सभी आवेदक शिक्षकों का स्थानांतरण सुनिश्चित किया जाए साथ ही स्थानांतरण के इच्छुक शिक्षकों से पुनः ऑनलाइन अप्लाई लिया जाए बात नियमावली की करे तो नियमावली 2020 के कंडीका 15 के उप नियम चार के तहत नियोजित शिक्षकों को भी अंतर नियोजन इकाई तथा अंतर जिला ऐच्छिक स्थानांतरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए ताकि वर्षों से स्थानांतरण की आस लगा रखे नियोजित शिक्षकों को घर के निकट जाने का मौका मिल सके। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के महासचिव सत्य प्रकाश ने कहा कि प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापन हेतु जिला आवंटन से असंतुष्ट शिक्षकों से पुनः नए सिरे से विकल्प लेकर पदस्थापन का मौका देना जरूरी है, प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक को पुराने नियमित प्रधानाध्यापक के समान वेतनमान एवं सुविधाएं भी लागू किया जाना चाहिए। माननीय उच्च न्यायालय पटना के न्याय निर्णय एवं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन क्षेत्रीय कार्यालय भागलपुर के पत्रांक 4351 तारीख 22 नवंबर 2023 के आलोक में नियोजित शिक्षकों को योगदान की तिथि से ही इपीएफ का लाभ दिया जाना चाहिए था, नियोजित शिक्षकों को देय मूल वेतन के आधार पर ईपीएफ की राशि की कटौती की जाए तथा तदनुरूप सरकार की ओर से अंशदान दी जाए, वही बिहार राज्य के बेतिया, सीतामढ़ी, मधुबनी सहित विभिन्न जिलों में नियोजित शिक्षकों के वेतन से कई महीनो के ईपीएफ की राशि कटौती कर ली गई है परंतु इपीएफ फंड में कटौती की राशि हस्तांतरित नहीं की गई है सभी जिलों में इपीएफ फंड में कटौती की राशि का उद्यतन स्थानांतरण सरकार सुनिश्चित करें,अप्रशिक्षित शिक्षकों के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा यथा स्थिति स्टेटस को लगाया जाए। इस न्याय निर्णय के आलोक में विभिन्न जिलों में सेवा मुक्त किए गए अप्रशिक्षित शिक्षकों का विद्यालय में योगदान लेकर वेतन भुगतान कर दिया जाए। डीएलएड ओडीयल डीएलएड एवं एनआईओएस प्रशिक्षण परीक्षा में अनुत्तीर्ण एवं असम्मिलित शिक्षको को नियमानुकूल पूरक परीक्षा अविलंब लेने की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाए इसके साथ ही डीपीई प्रशिक्षण उत्तीर्ण एवं 1 से 5 में बी एड योग्यता धारी शिक्षकों को संर्वधन प्रशिक्षण अभिलंब प्रारंभ की जाए। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष जय कुमार निराला ने कहा कि वर्ष 2023 एवं 2024 में विभिन्न आंदोलन में शामिल शिक्षकों का एक सप्ताह का वेतन कटौती की कार्रवाई करने का आदेश को वापस लिए जाए तथा 5 सितंबर 2019 के रद्द अवकाश को स्वीकृत कर संबंधित शिक्षकों को उक्त तिथि के वेतन का भुक्तान कर दिया जाए, वही हिंदी माध्यम विद्यालय शनिवार को तथा उर्दू माध्यम विद्यालय गुरुवार को पूर्व की भांति मध्यांतर तक संचालित किया जाए,स्थानीय निकाय शिक्षकों को ग्रुप बीमा, ग्रेच्युटी एवं अर्जित अवकाश का वित्तीय लाभ दिया जाए, शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक को भी शारीरिक शिक्षण की भाति वेतन भत्ता एवं सारी सुविधाएं दिया जाए, शिक्षा स्वयंसेवक एवं तालमी मरकज स्वयंसेवक को भी शिक्षक की भाति वेतन भत्ता एवं सुविधाएं दी जाए। माननीय उच्च न्यायालय पटना के द्वारा CWJC 257/ 2020 में पारित न्यायालय के आदेश के आलोक में सभी जिलो में डीएलएड एवं डीएलएड ओडीएल प्रशिक्षण के सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण चर्या के तिथि से प्रशिक्षित वेतन दिया जाए। सभी जिलो में मृत शिक्षक के आश्रितो को अनुकंपा पर नियुक्त किया जाए। भवन विहीन विद्यालय को भवन दिया जाए साथ ही सभी विद्यालय की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ किया जाए ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रभावी हो सके। शिक्षा विभाग के सभी कार्यों को तीव्र गति से संपन्न करने हुतु सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में भी लिपिक एवं कंप्यूटर शिक्षक की नियुक्ति की जाए प्रारंभिक शिक्षको को उच्च माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नियुक्त होने पर सेवा निरंतरता एवं वेतन संरक्षण का लाभ दिया जाए। शिक्षा विभाग के कार्य को तीव्र गति से निष्पादन करने हेतु सभी प्रखंड में विभाजित से बी ई ओ का पदस्थापन सुनिश्चित किया जाए इसके साथ ही सभी कोटि के शिक्षकों को पहली तारीख को वेतन भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए,प्रतिमाह वेतन भुगतान करने हेतु जिले में ससमय आवंटन की राशि उपलब्ध कराई जाए इसके साथ ही विद्यालय रसोईया की सेवा नियमित करते हेतु वेतन वृद्धि कर राज्यकर्मी की सुविधा दी जाए इसके अलावा शिक्षको हर हाल में सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त रखा जाए। शिक्षकों की समस्याओं के निदान एवं शिक्षा में सुधार लाने हेतु संघ के प्रतिनिधियों के साथ प्रखंड एवं जिला में मासिक बैठक एवं राज्य स्तर पर त्रैमासिक बैठक विभागीय पदाधिकारी के साथ कराने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए। इस दौरान प्रखंड अध्यक्ष चानन सुनील कुमार, जिला संयोजक विजय पटेल, कजरा के रविकांश जी, चानन के मोहम्मद शकीलजमां, कैलाश यादव, राज्यप्रतिनिधि पवन चंद्रवंशी, पिपरिया के मनोज मिस्त्री, सूर्यजीत कुमार, मिथिलेश श्रीवास्तव, रंजू कुमारी,प्रवीण कुमार, सुनील कुमार पासवान,प्रवीण कुमार आदि शामिल थे।

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