राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन में 6549 मामलों का हुआ निपटारा, 2.55 करोड़ की समझौता राशि हुई प्राप्त।
साहेबगंज

जिला संवाददाता- नालसा के आदेशानुसार झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार,रांची के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहेबगंज द्वारा शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में इस वर्ष की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य आयोजन किया गया। इस लोक अदालत का उद्घाटन झारखंड के सभी जिलों में एक साथ ऑनलाइन माध्यम से न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद जज, झारखण्ड हाई कोर्ट-सह-कार्यकारी अध्यक्ष, झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची द्वारा किया गया। साहेबगंज व्यवहार न्यायालय स्थित लोक अदालत कक्ष में इसका सीधा प्रसारण स्क्रीन पर उपस्थित लोगों ने देखा।उद्घाटन के पश्चात प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहेबगंज,अखिल कुमार ने गठित बेंचों के भ्रमण के दौरान लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “लोक अदालत लंबे समय से चले आ रहे मामलों को निपटाने का कानूनी विकल्प है, बल्कि यह ऐसी एक दिवसीय अदालत है जिसमें वादों का त्वरित निपटारा किया जाता है।आगे उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से मामलों के निष्पादन से आमजनों को काफी राहत मिलती है। उन्होंने आमजनों एवं पक्षकारों को बधाई देते हुए अपील भी किया कि वे समय-समय पर आयोजित होने वाले ऐसे आयोजनों में भाग लेकर अपने मामलों का निपटारा अवश्य करवाएं। साथ ही सभी विभागों के पदाधिकारियों से अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन में सहयोग करने की अपील की।इस अवसर पर जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तृतीय शेखर कुमार, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सिंधु नाथ लामाये, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव विश्वनाथ भगत, सिविल जज सह न्यायिक दंडाधिकारी आलोक मरांडी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी तुषार आनंद, रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी राहुल कुमार, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सुमित कुमार वर्मा, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष राकेश कुमार मिश्रा, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम नाथ तिवारी, लोक अभियोजक व उनके अधीनस्थ व चीफ लीगल एंड डिफेन्स कौंसिल अरविन्द गोयल और उनकी टीम, अधिवक्तागण, विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, बैंककर्मी, पारा विधिक स्वयंसेवक एवं अन्य पदाधिकारी-कर्मचारीगण सहित बड़ी संख्या में वादकारीगण उपस्थित थे।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में साहेबगंज न्यायमंडल और राजमहल अनुमंडलीय न्यायमंडल में कुल 6549 मामलों का निपटारा किया गया, जिसमें रु. 2,55,57,411/- की समझौता राशि की प्राप्ति हुई।