
जमुई – गर्मी के मौसम में खाली पड़े खेत से भी किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं उक्त बातें किसी भी विज्ञान केंन्द्र जमुई के प्रमुख डॉ सुधीर कुमार सिंह ने खैरा प्रखंड के गोरीयाड़ी गांव में आयोजित प्रथम पंक्ति प्रदर्शन योजना अंतर्गत तरबूज की वैज्ञानिक खेती विषय पर प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम के अवसर पर कहा ।
उन्होंने आगे कहा कि जमुई जिले में जब औसत तापमान 38 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है तो जिले की ऊपरी ऊंची भूमि का बड़ा हिस्सा खाली रह जाता है जिसे फॉलो लैंड के रूप में जाना जाता है एवं खेत खाली रहने के कारण क्रॉपिंग इंटेंसिटी घटती है एवं किसानों की आमदनी प्रभावित होती है इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर कृषि विज्ञान केंद्र ने प्रथम पंक्ति प्रदर्शन योजना के अंतर्गत गोरियारी, कपलो, एकतरवा आदि गांव में तरबूज की वैज्ञानिक खेती का प्रदर्शन किया था ।
इन्हीं प्रदर्शन स्थल पर आज किसानों के साथ प्रक्षेत्र दिवस मनाया गया । उक्त कार्यक्रम में चर्चा के दौरान गोरियारी गांव के किसान श्याम सुंदर मरांडी ने बताया कि उन्होंने अपने दो कट्ठा खेत में तरबूज की खेती की है । इस खेत से परिवार के लोगों ने तरबूज खाया उसके बाद लगभग 11000 रुपया प्रतिकट्ठा की दर से शुद्ध आमदनी प्राप्त हुई । इस फसल की बुवाई फरवरी माह में की गई थी और मई माह तक में पूरे फसल की बिक्री हो जाएगी । इस प्रकार चार माह में 10 से 11000 रुपया प्रति कट्ठा के दर से आमदनी प्राप्त की गई है । इस कार्यक्रम मे अन्य गांव से भी किसान चमन मुर्मू, मुन्नी हांसदा, सुनीता सोरेन, बुधनी मरांडी पानू मुर्मू पानो हेंब्रम, कुशल मरांडी, भैया टुडू, बीरबल मुर्मू, भोगांव मुर्मू, वासी सोरेन आदि किसानों ने अपना उत्पाद लाया। सभी के उत्पादों का वजन सभी उपस्थित किसानों के समक्ष किया गया एवं वजन के आधार पर पानो हेंब्रम को तृतीय पुरस्कार जिनके तरबूज का वजन 3.5 किलो पाया गया । मुन्नी हांसदा को द्वितीय पुरस्कार जिनके तरबूज का वजन 4.3 किलो पाया गया एवं श्याम सुंदर मरांडी को प्रथम पुरस्कार जिनके तरबूज का वजन 5.2 किलो पाया गया । इन सभी किसानों को केंद्र की तरफ से सम्मानित किया गया । उपस्थित किसानों ने अगले वर्ष तरबूज की खेती को बड़े पैमाने पर करने में केंद्र से सहयोग की बात रखी । उक्त कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ प्रभाकर, डॉ सुधीर कुमार सिंह के साथ 50 किसानों ने भाग लिया ।